स्कूलों की मनमानी खत्म… फीस और ड्रेस बदलने पर रोक के आदेश; जानिए प्रशासन का नया फरमान!
बहुत हुई मनमानी,


Education Department News: बोकारो के निजी स्कूलों की मनमानी पर अभिभावकों ने नाराजगी जताई. फीस बढ़ोतरी, री-एडमिशन चार्ज और किताबों की खरीद पर रोक संबंधी मुद्दों पर प्रशासन ने निर्देश दिए. स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें अपनाने, फाइन न लगाने और फीस तय करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया गया.
अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी पर नाराजगी जताई.
स्कूलों को हर साल ड्रेस बदलने का दबाव नहीं डालने का निर्देश.
फीस बढ़ोतरी से पहले नौ सदस्यीय कमेटी बनेगी.
बोकारो. बोकारो के निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों ने आवाज उठाई है. री-एडमिशन चार्ज, हर साल किताबों के सिलेबस में बदलाव और स्कूली बच्चों पर एब्सेंट फाइन जैसे मुद्दों को लेकर अभिभावकों ने विरोध दर्ज कराया. इस संबंध में मंगलवार को बोकारो कैंप 2 स्थित समाहरणालय सभागार में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में बोकारो जिले के अभिभावक संघ के प्रतिनिधि, विभिन्न निजी स्कूलों के प्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए.
इस बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी (चास) प्रांजल ढ़ांडा, शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा और जिला शिक्षा अधीक्षक अतुल चौबे मौजूद थे. सभी प्रतिनिधियों ने मिलकर चर्चा की. बैठक में अभिभावकों ने किताबों के सिलेबस में बार-बार बदलाव, विशेष दुकानों से ही किताबें खरीदने की बाध्यता, मनमाने ढंग से फीस बढ़ोतरी और री-एडमिशन जैसे कई मसलों पर नाराजगी जताई.
विद्यालयों को मिले निर्देशअनुमंडल पदाधिकारी प्रांजल ढ़ांडा ने अभिभावक संघ के प्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधन अभिभावकों पर हर वर्ष स्कूल ड्रेस बदलने का दबाव नहीं डाल सकते. साथ ही, अनुपस्थित रहने पर छात्रों पर किसी भी प्रकार का फाइन नहीं लगाया जाएगा.
: फीस बढ़ोतरी को लेकर नई व्यवस्थाफीस बढ़ोतरी के गंभीर मुद्दे पर राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूलों में फीस बढ़ाने से पहले एक नौ सदस्यीय कमेटी गठित की जाएगी. इसमें स्कूल प्रबंधन और अभिभावक दोनों शामिल होंगे और उनकी सहमति के बिना फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी.
पुस्तक खरीद पर राहतस्कूलों को अपनी पुस्तक सूची वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी और अभिभावकों को किसी एक दुकान से किताबें या कॉपी खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. सुविधा के लिए कम से कम 10-15 दुकानों में स्कूल की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही, सभी स्कूलों को एनसीईआरटी की पुस्तकों को प्राथमिकता देनी होगी.
अभिभावक-शिक्षक बैठक होगी अनिवार्यहर स्कूल में प्रतिमाह अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) अनिवार्य रूप से आयोजित की जाएगी. शिक्षकों के नाम और संपर्क नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, ताकि अभिभावक अपनी शिकायतें सीधे दर्ज करा सकें. अभिभावक संघ के सदस्य हरि ओम ने रिपोर्टर को बताया कि अभिभावक संघ ने अपनी समस्याएं जिला प्रशासन के सामने रखी हैं और उम्मीद है कि अगले मीटिंग में इस पर ठोस कदम उठाए जाएंगे.
वहीं, डीपीएस स्कूल के अंजनी भूषण ने कहा कि सभी स्कूलों ने अपने-अपने पक्ष रखे हैं. उन्होंने कहा, “हर स्कूल की अपनी जरूरतें होती हैं और सभी स्कूल बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयासरत हैं.”
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