स्पेस में समोसे और गीता ले जानी वाली एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थीं पशु चिकित्सक, कहानी सुनीता विलियम्स की
सुनीता विलियम्स

अप्रैल 2012 दिल्ली के नेशनल साइंस सेंटर में छात्रों को संबोधित करते हुए सुनीता विलियम्स ने कहा था ‘रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए और उन्हें उम्मीद है कि उनका भी रिकॉर्ड ज़रूर टूटेगा.’
सुनीता विलियम्स अपनी तीसरी अंतरिक्ष यात्रा के साथ सबसे ज्यादा समय तक स्पेसवॉक करने वाली महिला बन गई हैं. पहले यह रिकॉर्ड पिग्गी वीटस्न के नाम था.
सुनीता विलियम्स ने तीन अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान नौ बार में कुल 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक किया है. वहीं पिग्गी वीटस्न ने 60 घंटे 21 मिनट स्पेसवॉक किया था.
इसके अलावा अंतरिक्ष में मैराथन दौड़ने वाली दुनिया की पहली अंतरिक्ष यात्री भी हैं. उन्होंने अप्रैल 2007 में बोस्टन मैराथन में अंतरिक्ष से ही शिरकत की थी.
..
.
.सुनीता को शुरू से ही व्यायाम और खेलकूद पसंद रहे और तैराकी तो बहुत अधिक पसंद रही. सुनीता ने अपने भाई-बहनों के साथ तैरना सीखा और सुबह-शाम दो-दो घंटे तैराकी करती थी.
वह छह साल की उम्र से ही कई तैराकी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पदक भी जीत चुकी हैं.
पशुओं से उन्हें खासा लगाव है. यही वजह है कि एक समय में वह पशु चिकित्सक बनना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया लेकिन उन्हें पसंदीदा कॉलेज में सीट नहीं मिली.
उन्होंने अपने भाई के सुझाव पर अमेरिकी नौसेना अकादमी में दाखिला लिया और फिर समय उन्हें दूसरे रास्ते पर आगे ले गया.
नौसेना से शुरू हुई साहस की उड़ान
NEWS GREEN INDIA: सुनीता के पति माइकल विलियम्स भी पायलट हैं.
सुनीता के साहस की असली उड़ान संयुक्त राज्य नौसेना अकादमी से शुरू हुई. 1983 में सुनीता ने अकादमी में प्रवेश लिया और उन्होंने 1987 में भौतिक विज्ञान में डिग्री भी हासिल की.
संयुक्त राज्य नौ सेना अकादमी से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 1989 में प्रशिक्षु पायलट के रूप में नौसेना में शामिल हुई.
इसके बाद उन्होंने कई प्रकार के 30 विमानों में 2700 घंटे से अधिक उड़ान भरी है. इससे पहले उन्होंने नौसेना एविएटर के रूप में भी काम किया.
सुनीता की अपने पति माइकल विलियम्स से पहली मुलाकात नौसेना अकादमी में ही हुई जो आगे चलकर प्यार और फिर शादी में बदल गई. माइकल विलियम्स भी पायलट हैं और इस समय पुलिस अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं.
: नासा ने स्वीकार नहीं किया था पहला आवेदन
NEWS GREEN INDIA सुनीता विलियम्स को पशुओं से खासा लगाव है इसलिए पहले वह पशु चिकित्सक बनना चाहती थीं.
सुनीता विलियम्स 1993 में मैरीलैंड स्थित नौसेना परीक्षण पायलट स्कूल में प्रशिक्षण ले रही थी कि इस दौरान उन्हें ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर जाने का मौका मिला.
यहां उन्होंने चंद्रमा पर उतर चुके अंतरिक्ष यात्री जॉन यंग के साथ काम किया और उन्हीं से प्रेरित होकर सुनीता ने अंतरिक्ष में उड़ने का सपना देखा.
उन्होंने अंतरिक्ष यात्राओं के लिए नासा में आवेदन किया लेकिन नासा ने पहली बार में इसे स्वीकार नहीं किया.
फिर उन्होंने अंतरिक्ष में जाने के लिए ही 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1997 में फिर से आवेदन किया.
इस बार नासा ने आवेदन स्वीकार कर लिया और 1998 में प्रशिक्षु अंतरिक्ष यात्री के रूप में उन्हें चुना गया.
आखिरकार आठ साल बाद 9 दिसंबर 2006 को वह मौका आया जब वह अंतरिक्ष में पहुंचीं. वह भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं.